एक वो दौर भी था जब दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल का बोलबाला था और इन दो कंपनियों के ऑपरेटिंग सिस्टम के अलावा दूसरा कोई पर्याय नहीं था। मान लीजिए ये कुछ ऐसा था की हम जो परोसे वही आपको कहना होगा। और फिर कही से लिनक्स आया और जैसे सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के मायने ही बदल गए.
२५ अगस्त १९९१ में कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थी जिसका नाम लिनस टोर्वल्ड ने घोषणा की के वो एक ऑपरेटिंग सिस्टम बनना चाहता हैं जो मुफ्त होगा, और इस तरह से लिनक्स का जन्म हुआ. लिनक्स एक मुफ्त प्रणाली हैं जो GNU General Public License (GPL) के अंतर्गत आती हैं.
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लिनक्स क्या हैं।
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उबुन्टु लिनक्स क्या हैं।
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क्या लिनक्स के और भी प्रकार हैं।
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मुझे लिनक्स क्यों इस्तेमाल करना चाहिए।
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क्या लिनक्स सुरक्षित हैं।
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क्या मैं अपने सारे काम लिनक्स पे कर सकता हु.
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लिनक्स मुझे कहा मिलेगा।
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मैं लिनक्स को कैसे इनस्टॉल करू
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लिनक्स में टर्मिनल(TERMINAL) क्या होता हैं.
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लिनक्स पर सॉफ्टवेयर कैसे इनस्टॉल करते हैं।
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लिनक्स पर सॉफ्टवेयर चलते कैसे हैं।
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क्या मुझे एंटीवायरस की जरुरत हैं
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लिनक्स में पीडीएफ(PDF) फाइल कैसे देखते हैं।
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लिनक्स में पीडीएफ(PDF) फाइल कैसे बनाते हैं
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लिनक्स में पेन ड्राइव फॉर्मेट कैसे करते हैं।
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लिनक्स मेंCD /DVD कैसे बनाते हैं।
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लिनक्स में वर्ड(WORD/DOC) फाइल कैसे बनाते हैं।
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लिनक्स में टास्क मैनेजर(TASK MANAGER) कहा होता हैं।
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लिनक्स में कनेक्टिविटी(CONNECTIVITY) कैसे करे।
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लिनक्स में यूजर नाम कैसे चेक करे।
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लिनक्स में ip कैसे चेक करे।
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लिनक्स में ip कैसे चेंज करे।
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लिनक्स में नेटवर्क कैसे चेक करे।
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लिनक्स में दो कंप्यूटर के बिच कनेक्टिविटी को कैसे चेक करे।
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लिनक्स को रिस्टोर कैसे करे।
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लिनक्स को रेपैरे कैसे करे।
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लिनक्स को अपडेट कैसे करे।
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लिनक्स को अपग्रेड कैसे करे।
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लिनक्स में स्क्रीन शॉट कैसे ले।
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लिनक्स में कंट्रोल पैनल कहा होता हों।
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लिनक्स में प्रिंटर कहा होता हैं।
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लिनक्स में स्कैन कैसे कर ?
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लिनक्स में फॉन्ट(FONT) कैसे इनस्टॉल कर ?
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लिनक्स में वायफाय (wifi) कैसे कनेक्ट करे ?
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लिनक्स में फाइल शेयर कैसे करे ?
1.लिनक्स क्या हैं।
साधारण भाषा में बोल जाये तो लिनक्स एक ऑपरेटिंग सिस्टम हैं। उसी तरह जैसे माइक्रोसॉफ्ट window xp , window 7 , window 8 या एप्पल की mac ऑपरेटिंग सिस्टम हैं। हा कुछ मामलो में ये थोड़ी अलग हैं और वो हैं इसका लाइसेंस। जो की GNU General Public License (GPL) हैं। जिसके तहद आप इस ऑपरेटिंग सिस्टम को मुफ्त में इस्तेमाल कर सकते हैं।
2.उबुन्टु लिनक्स क्या हैं।
वैसे तो लिनक्स कई प्रकार में उपलब्ध हैं जिसमे से एक तो सबसे ज्यादा इस्तेमाल में हैं। और वो हैं एंड्राइड जो आप अपने मोबाइल में इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा लिनक्स के कई रूप हैं जैसे Debian, Fedora, Mint, and Ubuntu, पर इनमे, सबसे ज्यादा प्रचलित हैं Ubuntu.
3.क्या लिनक्स के और भी प्रकार हैं।
आप सोच रहे होंगे की ये कैसा नाम हैं उबुन्टु (UBUNTU), तो आपको बताऊ इसके पीछे एक खूबसूरत किस्सा हैं.
"एक बार एक मानव विज्ञानिक अफ्रीकन जनजाति के बच्चों की आदतों पर शोध कर रहे थे। एक दिन उन्होंने बच्चों के साथ एक खेल आयोजित किया जिसमे एक पेड़ के निचे टॉफियों से भरी एक बास्केट रखी और कहा की जो सबसे पहले उस बास्केट तक जायेगा सभी टॉफिया उसकी हो जाएगी। सब बच्चे उस विज्ञानिक के इशारे का इंतजार करने लगे, और जैसे ही विज्ञानिक ने कहा की दौड़ो, सभी बच्चों ने एक साथ एक दूसरे के हाथ पकड़ लिए और भागकर पेड़ तक गए और सभी बच्चों ने मिल बांटकर टॉफियों का मजा लिया। विज्ञानिक ने पूछा की तुम सब एक साथ क्यों दौड़े, जबकि जो पहले जाता उसको सारी टॉफिया मिल सकती थी। इसपर बच्चों ने उत्तर दिया "उबुन्टु". जिसका अर्थ था की बाकि सबके दुखी होने पर एक कैसे खुश रह सकता हैं. अफ्रीकन लोगो का मनना हैं की मैं जो भी हु सिर्फ इसलिए हु क्युकी हम हैं "
और इस तरह से उबुन्टु का नाम लिनक्स की इस प्रणाली को दिया गया.
4.मुझे लिनक्स क्यों इस्तेमाल करना चाहिए।
इस प्रश्न का उत्तर मैं और एक प्रश्न से दूंगा।और वो ये हैं की क्या आपका कंप्यूटर वक्त के साथ धीमा (slow) हो रहा हैं। क्या आप हर बार एंटीवायरस अपडेट करते हैं। क्या आप बार बार अपने कंप्यूटर को अपडेट करते हैं और हां क्या आपका ज्यादा समय कंप्यूटर को सुरक्षित कैसे रखु इसमें जाता हैं ? अगर आपका उत्तर हा हैं तो आपको लिनक्स इस्तेमाल करना होगा। लिनक्स में आपको बार बार अलग अलग सॉफ्टवेयर को अपडेट नहीं करना पड़ता और ना ही वायरस का ज्यादा खतरा होता हैं। लिनक्स एक स्थिर प्रणाली हैं जो वक्त के साथ धीमी नहीं होती और कई गलतियां प्रचलित होने से पहले ही दुरुस्त की जाती हैं। आप अपना पूरा ध्यान सिर्फ काम पर लगा सकते हैं ना की वायरस ढूंढने में.
5.क्या लिनक्स सुरक्षित हैं।
वैसे तो दुनिया की कोई प्रणाली सुरक्षित नहीं हैं, हा मगर सुरक्षा का स्तर जरूर कम ज्यादा हैं. लिनक्स काफी हद तक सुरक्षित हैं क्युकी दुनिया भर के कई लोग इसपर काम करते रहते हैं इसे बेहतर बनाने के लिए, और कई गलतियां और दोष सर उठाने के पहले ही सुधार दिए जाते हैं.लिनक्स में आप एंटीवायरस के बिना भी काम कर सकते हैं. लिनक्स की कार्य करने की प्रणाली कुछ इस तरह से विकसित की गयी हैं की वायरस बनने वाले और हैकिंग करने वालो को काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं।
6.क्या मैं अपने सारे काम लिनक्स पे कर सकता हु.
जी हा। आप अपने सारे काम लिनक्स पर कर सकते हैं। क्युकी आप विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम और उसके सॉफ्टवेयर से रूबरू हैं। यहाँ लिनक्स में आपको थोड़ा समय देना पड़ेगा क्यों यहाँ सॉफ्टवेयर के नाम जरा अलग होते हैं.
उदा.
लिनक्स में माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस (Microsoft Office) नहीं होता यहाँ लिब्रे ऑफिस (Libre Office) होता हैं. और उसमे इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर के नाम मैं दे रहा हु.
विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम और लिनक्स के सॉफ्टवेयर :
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft word ) -> लिब्रे राइटर (Libre Writer )
Excel -> Calc
PowerPoint -> Impress
Access ->DB
और भी कई सॉफ्टवेयर हैं जो मैं आपको आगे बताऊंगा।
7.लिनक्स मुझे कहा मिलेगा।
लिनक्स आप सीधे उसकी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
उदा.
और हा कोई पैसे नहीं भरने पड़ेंगे हा अगर आप लिनक्स वालो का आभार व्यक्त करना चाहते हैं तो दान जरूर करे।
सूचना : लिनक्स इनस्टॉल करने के पहले अपना सारा डेटा बैकअप लेले। लिनक्स पुरानी ऑपरेटिंग सिस्टम और उसका डेटा डिलीट कर देता हैं।
8.मैं लिनक्स को कैसे इनस्टॉल करू
लिनक्स को आप दो तरीकों से इनस्टॉल कर सकते हैं।
१.CD /DVD से २. Pendrive (पेन ड्राइव ) से
आजकल पेन ड्राइव से इनस्टॉल करने का चलन हैं. सो आप भी पेन ड्राइव से ही इनस्टॉल करे.
सबसे पहले आपको एक सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करना पड़ेगा जिसकी सहायता से आप पेंड्रीवे को बूटेबल बनाएंगे। ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल करने के लिए आपको बूटेबल पेन ड्राइव चाहिए और इसे बनाने का तरीका हैं, या तो आप Unetbootin सॉफ्टवेयर ले या फिर Rufus सॉफ्टवेयर ले। आपके लिए Rufus ज्यादा अच्छा रहेगा.
इन सॉफ्टवेयर को आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं.
बूटेबल पेन ड्राइव कैसे बनाए इसकी जानकारी इस वेबसाइट पैर हैं। एक बार पेन ड्राइव बूटेबल हो जाने पर आपको अपने लैपटॉप या कंप्यूटर की बायोस (BIOS) सेटिंग चेंज करनी होगी। जिसके लिए आपको कंप्यूटर चालू करते ही या तो DEL बटन दबनी होगी या फिर कुछ कंप्यूटर में F12 दबा के भी काम हो जाता हैं। आपके कंप्यूटर के हिसाब से आपको पता करना होगा की कोनसी बटन दबाए. बायोस (BIOS) की स्क्रीन अधिकतर कंप्यूटर में नीली होती हैं. वह आपको "change boot device priority" में पेन ड्राइव को पहले नंबर पर लाना होता हैं और फिर F10 दबाना होता हैं. पेन ड्राइव को पिछले पोर्ट में डाले.
अब कंप्यूटर/लैपटॉप को रीस्टार्ट कर दे और आपको उबुन्टु की स्क्रीन दिखेगी.
यहाँ आपको भाषा का चयन करना होगा।आप इंग्लिश का चयन करे. हम बादमे भाषा बदल सकते हैं। यहाँ आपको भाषा का चयन करना होगा।आप इंग्लिश का चयन करे. हम बादमे भाषा बदल सकते हैं। यहाँ आपको दो ऑप्शन दिखेंगे Try ubuntu और install ubuntu आप चाहे तो इनस्टॉल करने के पहले उसे try कर सकते हैं ये एक अच्छा ऑप्शन हैं. और दूसरे ऑप्शन से आप उबुन्टु को इनस्टॉल कर सकते हैं
एक बार आप install ubuntu पे क्लिक करते हैं तो ऐज आपको ऐसी स्क्रीन दिखेगी, यहाँ आपको दोनों बॉक्स को सेलेक्ट नहीं करना हैं। क्युकी अगर आप इंटेटनेत से जुड़े हैं ये आपका काफी पड़ता इस्तेमाल करेगा और इंस्टालेशन में टाइम काफी लगेगा।
continue करे
यहाँ आपको ४ ऑप्शन दिखेंगे
Erase disk and install ubuntu.
Encrypt the new Ubuntu installation for security.
Use LVM with the new Ubuntu installation.
Something else.
यहाँ आप पहला ऑप्शन सेलेक्ट करे. और install now करे.
इस जगह लिनक्स आपको पूछेगा की कितनी जगह उबुन्टु को देनी हैं और कितनी डेटा को. ये आप माउस से काम ज्यादा कर सकते हैं. जगह का चयन होने पर install now पर क्लिक करे.
इस स्क्रीन पर आपको अपना देश सेलेक्ट करना होगा। मान लीजिए आप अगर भारत में हैं तो भारत देश पर क्लिक करे, हा मगर क्लिक करने पर कोलकाता सेलेक्ट करे.
इस स्क्रीन पर आप english(uk) सेलेक्ट करे क्यों की ये दुनिया में प्रचलित हैं। इसमें चूक कतई न करे वर्ना आगे काफी दिक्कत आ सकती हैं।
इस स्क्रीन पर आपका यूजरनेम और अपना पासवर्ड(पासवर्ड थोड़ा बड़ा दाल डाले)।और Required my password to log in पर क्लिक करना हैं.
बस हो गया। लिनक्स इनस्टॉल हो जायेग। अब आप चाहे तो अपने लिए चाय बना सकते हैं।
इस स्क्रीन पर आपको पेन ड्राइव निकल लेना हैं और restart now पर क्लिक करना हैं.
लिनक्स मिंट (Linux Mint) कैसे इनस्टॉल करे.
आप चाहे तो एक साथ विंडोज और लिनक्स भी चला सकते हैं। इसके लिए मुझे कमेंट में लिखे।
9.लिनक्स में टर्मिनल(TERMINAL) क्या होता हैं.
साधारणतः हम सभी ऑपरेटिंग सिस्टम में इनपुट और आउटपुट माउस द्वारा या फिर किसी सांकेतिक चित्र(icon) पर क्लिक करके देते हैं। पर कुछ ऐसे कमो के लिए जहां कई साडी जानकारी चाहिए होती हैं हम कंप्यूटर को स्पष्ट कमांड देने होते हैं और यहाँ टर्मिनल (TERMINAL) इस्तेमाल में आता हैं. टर्मिनल वो रास्ता मोहिया करता हैं जिसके इस्तेमाल से आप कंप्यूटर को शब्दों में कमांड देते हैं या फिर कंप्यूटर से जानकारी लेते हैं. अगर आप एक लिनक्स पावर यूजर बनना चाहते हैं तो आपको टर्मिनल का ज्ञान होना चाहिए.
टर्मिनल चालू करने के लिए Alt + Ctrl + Del एक साथ प्रेस करे।
टर्मिनल की कुछ कमांड जो आपको याद होनी चाहिए वो इस तरह हैं।
उदा.
आपको कोई सॉफ्टवेयर चालू करना हैं जैसे Firefox टाइप करे firefox और इंटर दबाए।
आपको firefox में www.cloudyrathor.com ये साइट खोलनी हैं टाइप करे firefox www.cloudyrathor.com और इंटर दबाए।
10. लिनक्स पर सॉफ्टवेयर कैसे इनस्टॉल करते हैं।
वैसे तो लिनक्स में सॉफ्टवेयर, टर्मिनल से इनस्टॉल करते हैं पर क्युकी हम उबुन्टु इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप इसे सॉफ्टवेयर मैनेजर से भी कर सकते हैं।
और सर्च बॉक्स में आपको जो सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करना हैं टाइप करे. ये कुछ इस तरह हैं की जैसे आप अपने मोबाइल में आप इनस्टॉल करते हैं.
दूसरा तरीका हैं। टर्मिनल (Terminal) से। इसके लिए आपको टाइप करना होगा
उदा.
"sudo apt-get update" और इंटर दबाए।
"sudo apt-get install <software name >" और इंटर दबाए।
जैसे
"sudo apt-get install rdesktop" यहाँ rdesktop ये सॉफ्टवेयर का नाम हैं जिसे मैं इनस्टॉल करना चाहता हु.
11.लिनक्स पैर सॉफ्टवेयर चलते कैसे हैं।
सॉफ्टवेयर रन करने के लिए आपको या तो मेनू में से उसे क्लिक करना होगा या फिर terminal में टाइप करना होगा.
उदा.
"sudo <और सॉफ्टवेयर का नाम >"
जैसे "sudo firefox" यहाँ firefox ये सॉफ्टवेयर का नाम हैं
12.क्या मुझे एंटीवायरस की जरुरत हैं
वैसे तो लिनक्स में एंटीवायरस की जरुरत नहीं होती पर कभी कभी हमे किसी विंडोज कंप्यूटर के लिए स्कैन करना हो तो आप clamtk इनस्टॉल करे. clamtk आपको विंडोस और लिनक्स दोनों के लिए उपलब्ध हैं. और कोई तड़क भड़क नहीं। इस एंटीवायरस को इनस्टॉल करने पर आपको कोई लुभावनी स्क्रीन नहीं आएगी।मगर हा, ये वो काम बखूबी से करता हैं जिसके लिए इसे बनाया गया हैं, और वो हैं वायरस को पकड़ना. और हा ये free हैं. free एंटीवायरस के लिए यहाँ क्लिक करे. www.cloudyrathor.com
13.लिनक्स में पीडीएफ(PDF) फाइल कैसे देखते हैं।
वैसे तो लिनक्स में डिफ़ॉल्ट PDF रीडर होता हैं पर मैं आपको okular इनस्टॉल करने की सलाह दूंगा। इसकी सहायता से आप की फाइल में हाईलाइट कर सकते हैं काफी सरे दूसरे फीचर भी हैं. इंस्टॉल करने के लिए 10 वा प्रश्न देखे।
14.लिनक्स में पीडीएफ(PDF) फाइल कैसे बनाते हैं
लिनक्स में PDF फाइल बनाना काफी आसान हैं।
१. अगर आप libre-office में डॉक्यूमेंट बना रहे हैं तो File मेनू में जाये और वहा आपको Export to pdf ऑप्शन दिखेगा वहां क्लिक कर दे।
२. दूसरा तरीका हैं File मेनू में जाये और Print option में क्लिक करे.
15.लिनक्स में पेन ड्राइव फॉर्मेट कैसे करते हैं।
लिनक्स में पेन ड्राइव फॉर्मेट करने का सबसे अच्छा तरीका हैं आप DISKS यूटिलिटी खोले और वहा आपका पेन ड्राइव सेलेक्ट करे और फॉर्मेट करदे। मगर सावधानी से फॉर्मेट करे। अगर अपने गलती से ड्राइव गलत सेलेक्ट कर्ली तो पूरी हार्ड डिस्क फॉर्मेट हो सकती हैं.
16.लिनक्स मेंCD /DVD कैसे बनाते हैं।
लिनक्स में CD/DVD बनाने के लिए आपको BRASERO इनस्टॉल करना होगा.
ये एक आसान सॉफ्टवेयर हैं जिसके द्वारा आप CD/DVD बना सकते हैं.
सॉफ्टवेयर के खुलने पर जिस टाइप का डेटा आपको डालना हैं उसपर क्लिक करे. जैसे, आपको गाने डालना हो तो Audio पर क्लिक करे और "+" चिन्ह पर क्लिक करे और डेटा को डाले। एक बार डेटा रेडी होने पर "BURN" इस बटन पर क्लिक करे. आपका काम हो जायेगा।
17.लिनक्स में वर्ड(WORD/DOC) फाइल कैसे बनाते हैं।
जिस प्रकार आप विंडोज में माइक्रोसॉफ्ट वर्ड इस्तेमाल करते हैं. उसी प्रकार लिनक्स में आपको कई पर्याय हैं. जैसे ओपन ऑफिस (open office) और लिब्रे ऑफिस (libre office) जिसमे libre office ज्यादा इस्तेमाल में आता हैं। जैसे की ये लिनक्स का ऑफिस सूट हैं , तो इसमें थोड़े नाम अलग हैं.
उदा.
यहाँ वर्ड(WORD) को Writer कहते हैं (क्युकी हम इसमें write करते हैं.)
Power-point को impression कहते हैं. (क्युकी हम इसके द्वारा बॉस के सामने इम्प्रैशन डालने की कोशिश करते हैं)
उसी तरह एक्सेल(Excel) को Calc कहते हैं.
18.लिनक्स में टास्क मैनेजर(TASK MANAGER) कहा होता हैं।
जिस तरह से विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में टास्क मैनेजर होता हैं उसी तरह सिस्टम मॉनिटर(system monitor) होता हैं जिसमे आप देख सकते हैं की कोनसी प्रोसेस चल रही हैं और सिस्टम का परफॉरमेंस कैसा हैं.
19.लिनक्स में कनेक्टिविटी(CONNECTIVITY) कैसे करे।
अक्सर हमें दो कंप्यूटर कनेक्ट करने या फिर वो कनेक्ट हैं इसे चेक करने की जरुरत पड़ती हैं। सबसे पहले तो ये चेक करे की दूसरा कंप्यूटर आपसे कनेक्ट है या नहीं इसे चेक करने के लिए पहले जिस कंप्यूटर से आपको कनेक्ट होना हैं उसका console ओपन करे शॉर्टकट हैं ctr + alt +t और टाइप करे ifconfig और वहां देखे की उसका ip क्या हैं।
फिर आपके कंप्यूटर पर कंसोल में टाइप करे ping दूसरे कंप्यूटर का ip और फिर एंटर करे अगर पिक्चर में दिखाए गए मैसेज जैसा रिप्लाई आता हैं तो आपका कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर से कनेक्ट हैं.
उबुन्टु में फाइल शेयरिंग करनी हो तो फाइल मैनेजर खोले और वहां आपको कनेक्ट तो सर्वर (Connect to server) ऑप्शन मिलेगा उसपर क्लिक करे और लिखे smb:// और आपको जिस मशीन को कनेक्ट होना चाहते हैं
उसका आय पि(IP) एड्ड्रेस। मगर हा इसके पहले आपको साम्बा सर्वर (samba server) इनस्टॉल करना होगा। जिसे आप सॉफ्टवेयर मैनेजर (software manager) से या फिर कंसोल (console) से भी कर सकते हैं "sudo apt-get install samba टाइप करना हैं.
जो फोल्डर आपको शेयर करना हो उसे पहले शेयरिंग में डालना होगा इसके लिए आपको फोल्डर पे राइट क्लिक करना होगा और local network share
आप चाहे तो सबके साथ इसे शेयर कर सकते हैं. इसके लिए आपको निचे के दोनों ऑप्शन सेलेक्ट करने होगे.
20.लिनक्स में यूजर नाम कैसे चेक करे।
उबुन्टु में यूजर नेम चेक करने के लिए आपको कंसोल में टाइप करना हैं whoami आपका यूजर नेम मिल जायेगा
21.लिनक्स में ip कैसे चेक करे।
console ओपन करे शॉर्टकट हैं ctr + alt +t और टाइप करे ifconfig और वहां देखे की उसका ip क्या हैं।
22.लिनक्स में ip कैसे चेंज करे।
1.उबुन्टु में ip चेंज करना बड़ा आसान हैं चित्र दिखाए गए आइकॉन पैर क्लिक करे और edit connection पर क्लिक करे.
2.अब wired कनेक्शन पर क्लिक करे और एक नया कनेक्शन add करने के लिए add बटन पर क्लिक करे.
3.क्योंकि हम ipv 4 इस्तेमाल करते हैं इसलिए ipv ४ settings पर क्लिक करे और चेंज करले अपना ip .
23.लिनक्स में दो कंप्यूटर के बिच कनेक्टिविटी को कैसे चेक करे।
लिनक्स में कनेक्टिविटी चेक करने के लिए बड़ा आसान तरीका हैं. ctr + alt +t दबाये और टाइप करे ping उस कंप्यूटर का एप एड्रेस जिससे कनेक्टिविटी चेक करना हो. उदा. ping 192.168.0.1 अगर आपको रिप्लाई आता हैं तोह आपका कनेक्शन सही हैं वरना कुछ प्रॉब्लम हैं।